Hawaldar Manoj Kumar receiving threats from Paki over Facebook
Sarkaghat HP [08/10 11:37 pm] मनोज भाई को मिल रही है पाकिस्तानियो की गीदड धमकिया
मनोज भाई को मिल रही है फेसबुक पर पाकिस्तानियो की गीदड धमकिया
सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त अपनी कविता "कश्मीर तो होगा पाकिस्थान न होगा" से फेमस हुए जवान मनोज कुमार भाई को फेसबुक पर कोरी गीदड दमकिया दी जा रही है.
इंन गिदड धमकियों से मनोज भाई ने भी पलटकर वार करते हुए पाकियों को मुँह पर तमाचा जड़ िदया है।
Sarkaghat HP [08/10 11:37 pm] मनोज भाई को मिल रही है पाकिस्तानियो की गीदड धमकिया
मनोज भाई को मिल रही है फेसबुक पर पाकिस्तानियो की गीदड धमकिया
सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त अपनी कविता "कश्मीर तो होगा पाकिस्थान न होगा" से फेमस हुए जवान मनोज कुमार भाई को फेसबुक पर कोरी गीदड दमकिया दी जा रही है.
इंन गिदड धमकियों से मनोज भाई ने भी पलटकर वार करते हुए पाकियों को मुँह पर तमाचा जड़ िदया है।
दोस्तों मुझे दुश्मनो की गीदड़ धमकिया मिल रही है ।। मुझे खुशी है की उनके खेमे में हाहाकार मचा हुआ है।एक सूअर का पिल्ला मुझे मारने की चाह मन में पाल बैठा है।। मुझे सौगन्ध है अपनी मातृभुमि की अपने उन शहीदो की, अगर कभी इन काफिरो से मेरा आमना सामना हुआ तो इतना कोहराम मचाऊँगा की इनकी नस्ल को तबाह कर दूँगा।। वन्देमातरम ।। जय हिंद।।जय हिंद की सेना ।।
देश में एक विचित्र वातावरण व्याप्त है। एक विवाद जन्म ले चुका है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। ऐसा लगने लगा था कि हमारे अपने कुछ देशवासी भारत का विरोध और पड़ोसी देश की पैरवी करने लगे हैं।
जनतंत्र में मतभेद का प्रयोजन है, परन्तु क्या उसकी कोई सीमा नहीं है? क्या अपने ही देश और सेना के प्रति अविश्वास आपके शत्रु का मनोबल बढ़ाने का कार्य नहीं करेगा? अंग्रेजों ने हमें बाँटा, और हम कमज़ोर हुए। दुर्भाग्य है कि अपने देश के समर्थन में भी हम आज बँटे हुए ही हैं। खैर, रामराज्य में धोबी ने माँ सीता पर संदेह किया था, तो कभी जयचन्द ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान के साथ विश्वासघात किया। ऐसे तत्व हमेशा हमारे बीच रहे हैं।
गलती हमारी है कि जब तथ्य सामने आते हैं, और जब ये अतिआत्मविश्वास से भरे दोगले लोग निराधार सिद्ध होते हैं, तो ये छिप जाते हैं, या अपने रंग गिरगिट की तरह बदल लेते हैं, और हम इन्हें भूल जाते हैं। हमें इन्हें भूलना नहीं चाहिए। भविष्य में भी ये अपना रंग दिखायेंगें। तब के लिए इनका स्मरण हमें एकदम ताज़ा रखना चाहिए।
तथ्य आपके सामने हैं।
ऐसा समाचार आ रहा है कि पाकिस्तान के नेतृत्व ने अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए सेना और ख़ुफ़िया संस्था को निर्देश दिए हैं कि आतंकवाद के प्रति नरमी न रखी जाए। पठानकोट और मुम्बई के आतंकी हमलों की जाँच पूरी करने के आदेश दिए गए हैं। संभावना है कि हाफिज सईद और मौलाना मसूद अज़हर जैसे भारत के दुश्मन कार्यवाही का सामना करेंगे।
हम समझते हैं कि वायदे पहले भी किये गए हैं। इसे विजय घोषित नहीं कर सकते। विजय तब हमारी होगी जब पाकिस्तान में असल ज़मीनी कार्यवाही होगी।
परन्तु अभी लगता है जैसे हमें पाकिस्तान पर अपने खुद के "अविश्वासी भारतीयों" से ज़्यादा विश्वास है।
इन अविश्वासी और धोखेबाज़ "भारतीयों" के बारे में आपका क्या विचार है?
जनतंत्र में मतभेद का प्रयोजन है, परन्तु क्या उसकी कोई सीमा नहीं है? क्या अपने ही देश और सेना के प्रति अविश्वास आपके शत्रु का मनोबल बढ़ाने का कार्य नहीं करेगा? अंग्रेजों ने हमें बाँटा, और हम कमज़ोर हुए। दुर्भाग्य है कि अपने देश के समर्थन में भी हम आज बँटे हुए ही हैं। खैर, रामराज्य में धोबी ने माँ सीता पर संदेह किया था, तो कभी जयचन्द ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान के साथ विश्वासघात किया। ऐसे तत्व हमेशा हमारे बीच रहे हैं।
गलती हमारी है कि जब तथ्य सामने आते हैं, और जब ये अतिआत्मविश्वास से भरे दोगले लोग निराधार सिद्ध होते हैं, तो ये छिप जाते हैं, या अपने रंग गिरगिट की तरह बदल लेते हैं, और हम इन्हें भूल जाते हैं। हमें इन्हें भूलना नहीं चाहिए। भविष्य में भी ये अपना रंग दिखायेंगें। तब के लिए इनका स्मरण हमें एकदम ताज़ा रखना चाहिए।
तथ्य आपके सामने हैं।
ऐसा समाचार आ रहा है कि पाकिस्तान के नेतृत्व ने अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए सेना और ख़ुफ़िया संस्था को निर्देश दिए हैं कि आतंकवाद के प्रति नरमी न रखी जाए। पठानकोट और मुम्बई के आतंकी हमलों की जाँच पूरी करने के आदेश दिए गए हैं। संभावना है कि हाफिज सईद और मौलाना मसूद अज़हर जैसे भारत के दुश्मन कार्यवाही का सामना करेंगे।
हम समझते हैं कि वायदे पहले भी किये गए हैं। इसे विजय घोषित नहीं कर सकते। विजय तब हमारी होगी जब पाकिस्तान में असल ज़मीनी कार्यवाही होगी।
परन्तु अभी लगता है जैसे हमें पाकिस्तान पर अपने खुद के "अविश्वासी भारतीयों" से ज़्यादा विश्वास है।
इन अविश्वासी और धोखेबाज़ "भारतीयों" के बारे में आपका क्या विचार है?
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