जान देकर भी स्वाभिमान को बचाया हैै।
यह राजपूत थे जिन्होंने मौत को भी ललकार कर हराया है।
हमारे देश के वीर क्षत्रिय योद्धाओं को नमन।
जय राजपूताना।
राजपूत की तलवार जब चलती है तो शत्रु का ही नहीं शत्रु के घोड़े रथ का भी दो फाड़ हो जाता है।
जय महाराणा प्रताप हल्दीघाटी में मुगलों को लोहे के चने चबाने वाले वीर महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि प्रणाम।
हैैैैै
No comments:
Post a Comment